Monday, January 3, 2011

क्रिसमस की छुट्टियां

इस बार क्रिसमस की छुट्टियों में मैंने बहुत मज़े किए। इस बार छुट्टियों में क्रिसमस मनाने के लिए मैं अपने मम्मी-पापा और बहन के साथ मेरे दादा-दादी के घर केरल गयी थी। जब हम वहां पहुंचे तो पहले से ही क्रिसमस की तैयारी चल रही थी। मैंने और मेरी बहन ने दादी के साथ पूरे घर को बहुत सुंदर सजाया। सबसे ज्यादा समय हमें क्रिसमस की झांकी सजाने में लगा और वो सबसे ज्यादा सुंदर लग रही थी। फिर क्रिसमस वाले दिन रात में हम सब लोग चर्च गए। मेरी दादी ने बहुत सारी मिठाइयाँ बनाई थीं और बहुत ही स्वादिष्ट केक बनाया था। मैंने खूब मन भर के केक खाया। मेरे दादा दादी ने मुझे और मेरी बहन को बहुत सारे उपहार दिए। इस बार की क्रिसमस की छुट्टियां में काफी समय तक नहीं भूल पाउंगी ।

Saturday, January 1, 2011

मेरे सपनों का भारत

मेरे सपनों का भारत एक ऐसा भारत है जहाँ पर हर एक मनुष्य को गर्व हो की वो भारतीय है। जहाँ गरीबी का नामो निशान भी नहीं हो, हर तरफ हरयाली और खुशियाँ हों। शुद्ध पर्यावरण और सुंदर प्रकृति हो, सभी को रोज़गार मिले, ग्रामीण छेत्रों में साफ़ पानी, बिजली, स्कूल, और अस्पताल हों। मेरे सपनों के भारत में भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और साम्प्रदायक दंगे कभी न हों, सड़कों पर गड्ढे न हों, बढ़ती आबादी की वजह से हर जगह भीड़ न हो, लोगों को अपने सपने पूरा करने के लिए विदेश न जाना पड़े, आतंकवाद की घटनाएं न हों आदि।

मैंने सपना देखा है की भारत में हर इंसान पढ़ा लिखा हो और ये तभी संभव है जब शिक्षा का सही तरह से प्रसार होगा। गाँव के लोगों में शिक्षा के प्रति उत्साह पैदा होगा तभी देश उन्नति की ओर कदम रखेगा। यह ध्यान रखना होगा की साम्प्रदायक दंगों पर रोक लगायी जाए। हिन्दू , मुस्लिम , सिख , इसाई , मिलजुल कर रहें और सभी में भाईचारे की भावना हो। जैसे-जैसे हम प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं प्रदूषण बढ़ता जा रहा है , सड़कों को चौड़ा करने के लिए जहाँ तहां पेड़ काटे जा रहे हैं, प्रकृति पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में गर्मी बढ़ती जा रही है और ठण्ड के मौसम में ठण्ड। बढ़ती जनसँख्या को और बेरोज़गारी को ख़तम करना बहुत जरुरी है।

मैंने अपने सपनों में इतना सुंदर भारत देखा तो है लेकिन इस सपने को पूरा होने के लिए अभी बहुत समय बाकि है, बल्कि ऐसा लगता है की ये सपना पूरा होगा भी या नहीं । जो कुछ भी मैंने देखा है कहीं सपना ही बन कर न रह जाये । आज जिस ओर देखो समस्याएं ही समस्याएं हैं जिसे देखो अपने स्वार्थ के बारे में ही सोचता है । नेता देश का सुधार करने की जगह धन कमाने में लगे हुए हैं , अगर भारत के नेता इमानदारी से काम करें और भ्रष्ट नेताओं से मुक्ति पा ली जाए तो काफी मुश्किलें आसान हो जाएगीं ।

जब सभी देशवासी देश को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत करेंगें तो वोह दिन दूर नहीं जब मेरा यह सपना सच हो जाएगा। और में गर्व से कह पाऊँगी की ये है मेरे सपनों का भारत।


Key words: India of my dreams, village, education, politicians, people, problems, hope, pollution, hindu, muslim, sikh, christian, social